बरगद के पेड़ से वशीकरण

 

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बरगद का पेड़ अभी भी कई गांवों में छाया के स्रोत के रूप में उपयोग किया जाता है। इस पेड़ के हर हिस्से का अपना एक अलग चिकित्सा उपयोग है। छाल और बीजों का उपयोग टॉनिक के रूप में शरीर के तापमान को बनाए रखने और मधुमेह के इलाज के लिए किया जा सकता है। जड़ों को अपने दांतों और मसूड़ों को उनके साथ ब्रश करके मजबूत करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

हिंदू धर्म दो प्रकार की पवित्रता, अस्थायी भौतिक वास्तविकता और स्थायी भौतिक वास्तविकता मानता है। नारियल और केला जैसे पेड़ पहली श्रेणी में फिट होते हैं क्योंकि वे मांस का प्रतिनिधित्व करते हैं, लगातार मर रहे हैं और खुद को नवीनीकृत कर रहे हैं, जबकि बरगद उत्तरार्द्ध का प्रतिनिधित्व करता है,

यह आत्मा की तरह है, न तो मर रहा है और न ही नवीकरण। बरगद एक आध्यात्मिक आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करता है। यह कहा जाता है कि अमर या अक्षय है, और यहां तक ​​कि प्रलय या दुनिया के विनाश से भी बच सकता है। केले के पेड़ को गृहस्थ के बराबर माना जाता है, जबकि बरगद को माना जाता है और उपदेश के बराबर।

बरगद के पेड़ में औषधीय गुण भी होते हैं और इसका उपयोग आयुर्वेद में बड़े पैमाने पर किया जाता है। पेड़ की छाल और इसके पत्तों का उपयोग घावों से अत्यधिक रक्तस्राव को रोकने के लिए किया जा सकता है। पौधे के लेटेक्स का उपयोग बवासीर, गठिया, दर्द और लूम्बेगो को ठीक करने के लिए किया जाता है।

भारतीय लोग बरगद के पेड़ को वट–वृक्षा के नाम से जानते थे। जब अंग्रेज भारत आए, तो उन्होंने देखा कि व्यापार या बनिया समुदाय के सदस्य एक बड़े छायादार अंजीर के पेड़ के नीचे इकट्ठा होते थे, जिसे उन्होंने बनिया नाम दिया था।

बरगद मृत्यु के देवता यम से भी जुड़ा है। यही कारण है कि इसे श्मशान के पास के गांवों के बाहर लगाया जाता है। यह पेड़ उसके नीचे घास का एक ब्लेड भी नहीं उगने देता। इसीलिए इसका उपयोग किसी भी प्रजनन समारोह जैसे कि बच्चे के जन्म और विवाह के लिए नहीं किया जाता है, क्योंकि यह नवीकरण या पुनर्जन्म की अनुमति नहीं देता है।

दोस्तों आपने जिंदगी में बहुत मेहनत किया है बहुत सपने देखे हैं करोड़पति बनने के मगर आप बहुत तरीके के तरीके अपना कर थक चुके हैं। अब आप चाहते हैं कोई जादू टोने के माध्यम से आप करोड़पति बन जाए तो हम आपको आज वही सलाह देंगे कि कैसे आप बरगद के पेड़ के पास कुछ ऐसी चीजें रखकर आए जिसके बाद आप करोड़पति बनेंगे ही बनेंगे तो चलिए जानते हैं क्या है वे उपाय जिसको अपना कर आप करोड़पति बन सकते हैं।

अगर आप व्यापारी लोग हैं और आपके व्यापार में घाटा सा चल रहा है और आप चाहते हैं कि आपका व्यापार बिल्कुल करोड़ों में एक और आपका नाम भी करोड़पति लखपति बिजनेसमैन के रूप में आए तो हम आपको बता दें आप किसी भी शनिवार को बरगद के पेड़ के पास जाइए और वहां पर एक पान, एक सुपारी एवं एक सिक्का रखकर आए इससे आपको व्यापार में काफी लाभ होगा आपको काफी प्रसिद्धि भी मिलेगी।

अगर आप अपने व्यापार को पूरे विश्व में फैलाना चाहते हैं और काफी लाभ भी प्राप्त करना चाहते हैं तो किसी भी शनिवार को बरगद के पेड़ के सामने एवं कैसे चढ़ाए और पीले रंग का धागा बरगद के पेड़ पर बांध के आए ।

बरगद के पेड़ की पूजा करके किसी भी शनिवार के दिन लाभ कमा सकते हैं इसके लिए आप सरसों के तेल का दिया ही बरगद के पेड़ के सामने जलाएं। अगर आप बहुत सारा पैसा कमाना चाहते हैं तो 11 बरगद के पत्ते पर मंगलवार के दिन सिंदूर से हनुमान जी का नाम लिखकर अपने घर पर स्थापित कर दीजिए उन पत्तों को आप देखेंगे कि आपके घर में पैसों की बरसात होगी।

अगर आप शनिवार के दिन लाल कपड़े में नारियल बांधकर बरगद के पेड़ के जड़ के अंदर डाल देते हैं तो आपके बिजनेस में काफी उन्नति होगी आप का कार्यक्षेत्र और भी ज्यादा बढ़ेगा आपको लोग और भी पहचानेंगे।

बरगद के पेड़ की सफलता के मुख्य कारक थे; सामाजिक और प्राकृतिक वातावरण की देखभाल करना, जिससे उनके आसपास की भूमि का संरक्षण सुनिश्चित हो सके।

इसमें सदियों से बढ़ने और जीवित रहने की क्षमता है, और इसकी तुलना उनके भक्तों के लिए भगवान के आश्रय के रूप में की जाती है। इसकी बड़ी पत्तियाँ होती हैं, जिन्हें आमतौर पर पूजा और अनुष्ठान में इस्तेमाल किया जाता है। अनादि काल से यह विभिन्न हिंदू रीति–रिवाजों से जुड़ा रहा है। बरगद के पेड़ को अमरता का प्रतीक माना जाता है।

इसकी बड़ी और खूबसूरत पत्तियों का मूलरूप आमतौर पर पूजा के अनुष्ठानों में बनाया गया है। बरगद के पेड़ का उल्लेख कई प्राचीन भारतीय ग्रंथों और शास्त्रों में मिलता है, जो दिव्य रचनाकार का प्रतिनिधित्व करता है और दीर्घायु का प्रतीक है। … जैसे, पेड़ और उसके पत्ते कभी नहीं काटे जाते हैं और केवल अकाल के समय में इसका उपयोग भोजन के लिए किया जाता है।

वट सावित्री पूजा विवाहित महिलाओं द्वारा देखी जाती है, जो सावित्री-सत्यवान और वट (बरगद) के पेड़ की पूजा करती हैं। यह त्यौहार ज्येष्ठ मास (मई-जून) में क्रमशः पूर्णिमाता या अमंता कैलेंडर के अनुसार अमावस (कोई चंद्रमा का दिन) या पूर्णिमा (पूर्णिमा का दिन) पर मनाया जाता है। बरगद के पेड़ का महत्व इस त्योहार अविश्वसनीय है।

बरगद के पेड़ की पूजा का हिन्दू धर्म में बहुत महत्व है। वट सावित्री पूजा में बरगद के पेड़ का महत्व है, हिंदू शास्त्रों के अनुसार, बरगद का पेड़ हिंदू पौराणिक कथाओं के तीन महान देवताओं का सार है जो ब्रह्मा, विष्णु और महेश हैं।

वृक्ष की जड़ें ब्रह्मा का प्रतिनिधित्व करती हैं, वट वृक्ष का तना विष्णु का प्रतिनिधित्व करता है और भगवान शिव बरगद के पेड़ के ऊपरी भाग का प्रतिनिधित्व करते हैं और पूर्ण वृक्ष को सावित्री माना जाता है। बरगद के पेड़ का महत्व यह है, यह एक लोकप्रिय मान्यता है कि इस डरावने पेड़ के नीचे पूजा के सभी अनुष्ठान करने से भक्तों की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।

तांत्रिक क्रियाओं द्वारा वशीकरण+917082272201

गोपनीय तांत्रिक प्रयोग , गोमती चक्र के तांत्रिक प्रयोग, तांत्रिक मंत्र साधना – वशीकरण के अंतर्गत इंसान किसी दूसरे व्यक्ति को अपने वश मे करने की इक्छा रखता है, ताकि उसको अपनी मर्जी के हिसाब से चलाया जा सके व अपने स्वार्थ की पूर्ति की जा सके। वशीकरण के लिए लोग न सिर्फ तंत्र-मंत्र का सहारा लेते है, बल्कि तांत्रिक क्रियाओ व जादू-टोटके का इस्तेमाल भी करते है, जिनहे बड़ा कारगर माना जाता है। हालाकि बहुत से लोग जादू-टोटके की माया से दूर ही रहना पसंद करते है, जिनहे इनसे दर लगता है, या कुछ बुरा होने की मंसा हर वक़्त सताते रहती है।

लेकिन हम आज आपको वशीकरण करने की कुछ तांत्रिक क्रियाओ के बारे मे बताते है। कई बार ऐसा देखा गया है कि व्यक्ति के जीवन मे व उसके घर मे हर चीज़ अचानक बदलने लगती है। घर की शांति व खुशी पर मानो किसिकी नज़र लग गई हो, हर दिन कलेश होने लगते है, छोटी-छोटी बातों पर घर मे लोग लड़ते रहते है। ऐसे हालात आने पर अक्सर इंसान एक बार तो जरूर ये सोचता है की शायद उसके घर पर किसीकी बुरी नज़र लग गई है। तो हम आपको बता दे की कुछ लोग जलन की भावना रखते हुए आपके खिलाफ तांत्रिक की उच्चाटन क्रिया का इस्तेमाल करके आपके घर को नष्ट करने की कोशिश करते है। इस उच्चाटन तांत्रिक क्रिया को करने के लिए एक अंडे पर उस व्यक्ति का नाम लिख दिया जाता है, फिर उसे एक ऐसी दीवार पर मारकर फोड़ दिया जाता है, जिस दीवार पर खिड़की और दरवाजा नहीं होता। अंडे को फोड़ने से पहले वो व्यक्ति ये कामना करता है कि किस प्रकार ये दीवार बंद है उसी प्रकार अमुक व्यक्ति के सारे रास्ते बंद हो जाये और वो भी अंडे की भाति एक दिन फुट जाये। इस प्रकार अंडे के प्रयोग से उच्चाटन तांत्रिक क्रिया को इस्तेमाल मे लाया जाता है।

इसके अलावा अगर आपको कोई व्यक्ति बिना कारण ही परेशान कर रहा है तो आप भोजपत्र के टुकड़े पर लाल रंग के चन्दन से उस व्यक्ति का नाम लिखकर उसे एक शहद की डिब्बी मे डालकर रख दे। इस प्रक्रिया द्वारा आप अपने उस शत्रु पर वशीकरण कर सकते है। साथ ही कुछ तांत्रिक प्रयोग तो काफी गोपनीय भी होते है। जिसमे से एक तांत्रिक प्रयोग मे पत्थर का इस्तेमाल भी किया जाता है, जिसे आम तौर पर हम गोमती चक्र के नाम से भी जानते है। दिखने मे आम पर असर काफी खास करता है, क्यूकी ये पत्थर गोमती नदी से मिलता है तो इसका नाम भी गोमती पत्थर हो चुका है। यदि पति-पत्नी के बीच लड़ाई-झगड़े चल रहे हो, अशांति बनी रहती है तो उनके बीच शांति बनाने के लिए तीन गोमती चक्र को घर के दक्षिण दिशा मे “हलूं बलजाद” कहकर फेक देना चाहिए। इसका असर आपको जल्द देखने को मिल जाता है। इसी तरह अगर संतान नहीं हो रही तो 5 गोमती चक्र को लेकर नदी या तालाब में “हिलि हिलि मिलि मिलि चिलि चिलि हुक” को 5 बार बोलकर विसर्जित कर दे। इससे पुत्र प्राप्ति की संभावनाएं बढ़ जाएगी।

इसी प्रकार अगर कोई अन्य समस्या है जैसे की शत्रु परेशान कर रहे हो तो जितने अक्षर का शत्रु का नाम है, आप उतने ही गोमती पत्थर ले ले, फिर उस पर शत्रु का नाम लिख दे और फिर उन पत्थरों को जमीन में गाड़ दें। इस प्रकार आप अपने शत्रु का नाश कर पाएंगे। कई बार हमे ये भी आशंका होती है की जैसे मानो कोई हमरे खिलाफ किसी प्रकार का षड़यंत्र रच रहा है। ऐसे मे इस प्रकार के किसी भी षड़यंत्र को विफल करने के लिए आप एक तांत्रिक मंत्र साधना का प्रयोग भी कर सकते है। इस साधना के अंतर्गत आपको इस मंत्र का जप करना है: “हूं ह्रौं हूं ह्रीं हूं फट् अमुक हूं ह्रौं हूं ह्रीं हूं फट्”। शनिवार के दिन रात 8 बजे के बाद शिव मंदिर में जाकर, हनुमानी सिंदूर में उपले की राख मिला ले, फिर इसे पानी में घोट कर स्याही बना ले। अब शिवलिंग के सामने एक कागज़ के ऊपर इस श्याही से एवं अनार की कलम से ऊपर बताए मंत्र को लिख ले। फिर मंत्र का 3 माला जाप भी करे।

हम आपको जरूरी बात ये भी साथ मे बता दे की अगर आपके पास पारद लिंग है तो पूरी प्रक्रिया अपने घर पर ही कर सकते है, वरना कागज़ पर मंत्र लिखे जाने वाला हिस्सा तो शिवलिंग के सामने ही करना होता है। शनिवार, रविवार व मंगलवार को इसे करे, पर कागज़ पर मंत्र सिर्फ शनिवार के दिन ही लिखे।
आखिरी दिन मंगलवार को जाप करने के बाद, आप कागज को किसी सुनसान जगह एक गड्डे मे गाड़ कर आ जाये। पूरी साधना करने के दौरान आपको बस अमुक की जगह अपने शत्रु का नाम लिखना होता है। इस तरह आप देखेंगे की इस तांत्रिक साधना को करने के बाद आप अपने शत्रु से छुटकारा पा सकते है।

वैसे इंसान के जीवन मे समस्याए हर दिन ही आती-जाती रहती है, पर फिर भी किसी मोड पर लगे की कोई आपको जानबूझकर परेशान कर रहा है तो यकीनन आप ऊपर बताए गए कुछ तांत्रिक साधना व मंत्रो के प्रयोग से इन समस्यायों से छुटकारा पा सकते है। लेकिन हर साधना व क्रिया के पीछे आपकी मंसा एक दम साफ होनी चाहिए, जो किसी का अहित न करती हो।

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